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लेखनी कहानी -08-Jun-2023

जो समर्पण तुमने, मुझे दिखाया है।

मैंने तुम्हें दिन ब दिन, तुझे खुद के क़रीब पाया है!

नज़रिया बेशक़ अलग है हमारा,
कभी तुमने, तो कभी मैंने, प्रेम का दीपक जलाया है!


रूठना तुम्हारा और तुम्हारा ख़ुद मान जाना!
क्योंकि मुझे कहां किसी को मनाना आया है!


हर दफ़ा वो जो चीज़ें, तुम मना करके भी मेरे लिए करती हो,
प्रेम का असली मतलब शायद तुमने ही बतलाया है।


मैंने भी तन्हाई, जब जब तुमसे बांटी है,
बेझिझक तुमने मुझे, गले लगाया है।
तुमसे मोहब्बत के पड़ाव की शुरूआत है शायद,
तभी अभिमंद आज इतना कुछ लिख पाया है!

#missyouwifey❤️

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5 Comments

वानी

11-Jun-2023 03:06 PM

Nice

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Reena yadav

08-Jun-2023 11:29 PM

👍👍

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